शिक्षा

 शिक्षा शब्द संस्कृत के शिक्ष धातु से बना है शिक्ष शब्द का अर्थ है सीखना या सीखाना। शिक्षा वह है जो मनुष्य के अंदर निहित योग्यता को विकसित करके बाहर निकल सके।  शिक्षा से ही व्यक्ति सभ्य सुसज्जित व समाजोपयोगी बन सकता है।  शिक्षा वह है जो मनुष्य को अपने आस पास  के लोगो के साथ सामंजस्य स्थापित करने की योग्य दे।  समायोजन और कुसमायोजन दो पहलु होते है समायोजन सकारात्मक पहलु है जबकि कुसमायोजन नकारात्मक पहलु है।  समायोजित व्यक्ति वह है जिसने शिक्षा का सदुपयोग किया है जिसने शिक्षा को आत्मसात नहीं किया वह है कुसमयोजित व्यक्ति।  जो गलत रस्ते पर चलकर अपने जीवन का निर्वाह करते है वो कुसमायोजन का शिकार हो चुके है तथा जो अच्छे मार्गो पर चलकर अपना जीवनयापन कर रहे  है वह है समायोजित व्यक्ति। आधुनिक शिक्षा का सम्बन्ध व्यक्ति और समाज दोनों के कल्याण से है।  शिक्षा व्यक्तियों की ,व्यक्तियों के द्वारा और व्यक्तियों के लिए ही की जाने वाली प्रक्रिया है। यह सामाजिक प्रक्रिया है और इसको समाज के संपूर्ण स्वरुप और कार्यो से पृथक नहीं किया जा सकता है 

Comments

Popular posts from this blog

Unveiling the Persistent Struggle: Decoding Why Students Fail in Bank Exams Repeatedly